मेरठ अनुक्रम इतिहास पौराणिक महत्व भूगोल जनसांख्यिकी आवागमन उद्योग मीडिया शिक्षा नौचंदी मेला पर्यटन स्थल अन्य तथ्य सन्दर्भ दिक्चालन सूची28°59′N 77°42′E / 28.98°N 77.7°E / 28.98; 77.728°59′N 77°42′E / 28.98°N 77.7°E / 28.98; 77.7meerut.nic.inआँखों देखी लाइवपर्यटन स्थल - विदुर-का-टीलामेरठ जिला - इतिहासHomepageमेरठ के निकट समतल इलाकों में स्थित हिन्दू मंदिरअशोक स्तंभअशोक स्तंभ जीर्णोद्धारअशोक स्तंभ की स्थितिपृ॰ 264दिल्ली की फतह की तैयारी …The Sepoy War of १८५७: Mutiny or First Indian War of Independence?फॉलिंग रेन जीनोमिक्स, इन्क - मेरठ"Urban Agglomerations/Cities having population 1 lakh and above, Provisional Population Totals, Census of India 2011""Cities having population 1 lakh and above, Provisional Population Totals, Census of India 2011""Census of India 2011 – Provisional Population Totals – Uttar Pradesh – Data Sheet""Area, Population and Density of Cities and Towns of India - 2001, Chapter II - Area and Density – All Cities and Towns""India's largest cities / urban areas"Kinship and Urbanization: White Collar Migrants in North Indiaपृ॰ 263"Census of India 2001: View Population Details: Meerut UA""Table - 3 : Population, population in the age group 0-6 and literates by sex - Cities/Towns (in alphabetic order): 2001"मूल"औद्योगिक क्षेत्र विवरण - यू.पी.एस.आइ.डी.सी""औद्योगिक क्षेत्र विवरण - यू.पी.एस.आइ.डी.सी"मेरठ कर देय शहरों की गिनती में नौंवें स्थान
उत्तर प्रदेश के नगर
भारतउत्तर प्रदेशदिल्लीराष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रभारतीय सेनाहस्तिनापुरकौरवगंगारावणमय दानवरामायणमौर्य सम्राटअशोक273 ईसा पूर्व232 ईसा पूर्वबौद्ध धर्मदिल्लीबाड़ा हिन्दू राव अस्पतालदिल्ली विश्वविद्यालयफिरोज़ शाह तुगलक1351138817131867मुगल सम्राटअकबरग्यारहवीं शताब्दीबुलंदशहरआइन-ए-अकबरीमहमूद गज़नवी1018मोहम्मद ग़ौरी1192तैमूर लंग1398लोनीमुहम्मद बिन तुग़लक़तैमूर लंगतुज़ुक-ए-तैमूरीहिन्दूमुस्लिम२४ अप्रैल१८५७मेरठ षड्यंत्र मामलामार्च१९२९मीटरफीटदिल्लीरुड़कीदेहरादूनसहारनपुरअलीगढ़नौयडागाजियाबादहापुड़मेरठ जिलेपंतनगर विमानक्षेत्रइंदिरा गाँधी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्रएशियालखनऊजयपुरभोपालकोच्चिभुवनेश्वरआँखों देखी लाइवचौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालयसरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालयशोभित विश्वविद्यालयस्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालयहिन्दूएकतानवरात्रिहोली
मेरठ | |
---|---|
शहर | |
मेरठ | |
निर्देशांक: 28°59′N 77°42′E / 28.98°N 77.7°E / 28.98; 77.7निर्देशांक: 28°59′N 77°42′E / 28.98°N 77.7°E / 28.98; 77.7 | |
देश | भारत |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
ज़िला | मेरठ |
जनसंख्या (2011)[1] | |
• शहर | 13,05,429 |
• महानगर | 14,24,908 |
समय मण्डल | आइएसटी (यूटीसी+5:30) |
वेबसाइट | meerut.nic.in |
मेरठ भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक शहर है। यहाँ नगर निगम कार्यरत है। यह प्राचीन नगर दिल्ली से ७२ कि॰मी॰ (४४ मील) उत्तर पूर्व में स्थित है। मेरठ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (ऍन.सी.आर) का हिस्सा है। यहाँ भारतीय सेना की एक छावनी भी है। यह उत्तर प्रदेश के सबसे तेजी से विकसित और शिक्षित होते जिलों में से एक है। मेरठ जिले में 12 ब्लॉक,34 जिला पंचायत सदस्य,80 नगर निगम पार्षद है। मेरठ जिले में 4 लोक सभा क्षेत्र सम्मिलित हैं, सरधना विधानसभा, मुजफ्फरनगर लोकसभा में हस्तिनापुर विधानसभा, बिजनौर लोकसभा में,सिवाल खास बागपत लोकसभा क्षेत्र में और मेरठ कैंट,मेरठ दक्षिण,मेरठ शहर,किठौर मेरठ लोकसभा क्षेत्र में है
अनुक्रम
1 इतिहास
2 पौराणिक महत्व
3 भूगोल
4 जनसांख्यिकी
5 आवागमन
6 उद्योग
7 मीडिया
8 शिक्षा
9 नौचंदी मेला
10 पर्यटन स्थल
11 अन्य तथ्य
12 सन्दर्भ
इतिहास
सन् १९५० में यहाँ से २३ मील उत्तर-पूर्व में स्थित एक स्थल विदुर का टीला की पुरातात्विक खुदाई से ज्ञात हुआ, कि यह शहर प्राचीन नगर हस्तिनापुर का अवशेष है, जो महाभारत काल मे कौरव राज्य की राजधानी थी।[2], यह बहुत पहले गंगा नदी की बाढ़ में बह गयी थी।[3] एक अन्य किवंदती के अनुसार रावण के श्वसुर मय दानव के नाम पर यहाँ का नाम मयराष्ट्र पड़ा, जैसा की रामायण में वर्णित है।[4].
मेरठ मौर्य सम्राट अशोक के काल में (273 ईसा पूर्व से 232 ईसा पूर्व) बौद्ध धर्म का केन्द्र रहा, जिसके निर्माणों के अवशेष जामा मस्जि़द के निकट वर्तमान में मिले हैं।
[5]दिल्ली के बाड़ा हिन्दू राव अस्पताल, दिल्ली विश्वविद्यालय के निकट अशोक स्तंभ, फिरोज़ शाह तुगलक (1351 – 1388) द्वारा दिल्ली लाया गया था।
[3][6], बाद में यह 1713 में, एक बम धमाके में ध्वंस हो गया, एवं 1867 में जीर्णोद्धार किया गया।[7][8].
बाद में मुगल सम्राट अकबर के काल में, (1556-1605), यहाँ तांबे के सिक्कों की टकसाल थी।[5].
ग्यारहवीं शताब्दी में, जिले का दक्षिण-पश्चिमी भाग, बुलंदशहर के दोर –राजा हर दत्त द्वारा शासित था, जिसने एक क़िला बनवाया, जिसका आइन-ए-अकबरी में उल्लेख भी है, तथा वह अपनी शक्ति हेतू प्रसिद्ध रहा।[9] बाद में वह महमूद गज़नवी द्वारा 1018 में पराजित हुआ। हालाँकि शहर पर पहला बड़ा आक्रमण मोहम्मद ग़ौरी द्वारा 1192 में हुआ,[3] किन्तु इस शहर का इससे बुरा भाग्य अभी आगे खड़ा था, जब तैमूर लंग ने 1398 में आक्रमण किया, उसे राजपूतों ने कड़ी टक्कर दी। यह लोनी के किले पर हुआ, जहाँ उन्होंने दिल्ली के सुल्तान मुहम्मद बिन तुग़लक़ से भी युद्ध किया। परंतु अन्ततः वे सब हार गये, यह तैमूर लंग के अपने उल्लेख तुज़ुक-ए-तैमूरी में मिलता है।[10]. उसके बाद, वह दिल्ली पर आक्रमण करने आगे बढ़ गया, व वापस मेरठ पर हमला बोला, जहाँ तब एक अफ़गान मुख्य का शासन था। उसने नगर पर दो दिनों में कब्ज़ा किया, जिसमें विस्तृत विनाश सम्मिलित था और फिर वह आगे उत्तर की ओर बढ़ गया।[11] प्रसिद्ध नारा दिल्ली चलो पहली बार यहीं से दिया गया था। मेरठ छावनी ही वह स्थान है, जहां हिन्दू और मुस्लिम सैनिकों को बन्दूकें दी गयीं, जिनमें जानवरों की खाल से बनी गोलियां डालनी पड़तीं थीं, जिन्हें मुंह से खोलना पड़ता था। इससे हिन्दुओं व मुसलमानों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई, क्योंकि वह जानवर की चर्बी गाय व सूअर की थी। गाय हिन्दुओं के लिये पवित्र है और सूअर मुसलमानों के लिये अछूत है।
मेरठ को अन्तर्राष्ट्रीय प्रसिद्धि 1857 के विद्रोह से प्राप्त हुई। २४ अप्रैल,१८५७ को; तृतीय अश्वारोही सेना की 90 में से 85 टुकड़ियों ने गोलियों को छूने तक से मना कर दिया। कोर्ट-मार्शल के बाद उन्हें दस वर्ष का कारावस मिला। इसके विद्रोह में ही, ब्रिटिश राज से मुक्ति पाने की पहली चिंगारी भड़क उठी, जिसे शहरी जनता का पूरा समर्थन मिला।
मेरठ में ही मेरठ षड्यंत्र मामला, मार्च १९२९ में हुआ। इसमें कई व्यापार संघों को तीन अंग्रेज़ों समेत गिरफ्तार किया गया, जो भारतीय रेलवे की हड़ताल कराने वाले थे। इस पर इंग्लैंड का सीधा ध्यान गया, जिसे वहां के मैन्चेस्ट्र स्ट्रीट थियेट्स्र ग्रुप ने अपने “रड मैगाफोन” नाम के नाटक में दिखाया, जिसमें कोलोनाइज़ेशन व औद्योगिकरण के हानिकारक प्रभाव दिखाये गये थे।</ref>
पौराणिक महत्व
महाभारत में वर्णित लाक्षागृह, जो पांडवों को जीवित जलाने हेतु दुर्योधन ने तैयार करवाया था, यहीं पास में वार्णावत (वर्तमान बरनावा) में स्थित था। यह मेरठ-बड़ौत मार्ग पर पड़ता है।
रामायण में वर्णित श्रवण कुमार ने अपने बूढ़े माता पिता को तीर्थ यात्रा कराने ले जा रहा था। वे दोनों एक कांवड़ पर बैठे थे। यहीं आकर, श्रवण कुमार ने प्यास के मारे, उन्हें जमीन पर रखा, व बर्तन लेकर सरोवर से जल लेने गया। उसके बर्तन की पाने में आवाज को सुनकर, आखेट हेतु निकले महाराजा दशरथ ने उसे जानवर समझ कर तीर चला दिया, जिससे वह मृत्यु को प्राप्त हुआ। उसके दुःख में ही उसके माता पिता तड़प तड़प कर मर गये, व मरते हुए, उन्होंने दशरथ को शाप दिया, कि जिस प्रकार हम अपने पुत्र वियोग में मर रहे हैं, उसी प्रकार तुम भी अपने पुत्र के वियोग में मरोगे। और वैसा ही हुआ भी
- मेरठ को दैत्यराज रावण की ससुराल भी माना जाता है।
भूगोल
मेरठ की भौगोलिक स्थिति 28.98° उत्तर एवं 77.7° पूर्व है।[12] यहां की औसत ऊंचाई 219 मीटर (718 फीट) है।
निकटवर्ती शहर हैं: राजधानी दिल्ली, रुड़की, देहरादून,सहारनपुर, अलीगढ़, नौयडा, गाजियाबाद हापुड़ इत्यादि।
जनसांख्यिकी
मेरठ शहर ही मेरठ जिले का मुख्यालय है, जिसमें 1,025 गाँव भी सम्मिलित हैं। 2011 की राष्ट्रीय जनगणना के अनुसार मेरठ शहरी क्षेत्र (जिसमें नगर निगम एवं छावनी परिषद के अंतर्गत आते क्षेत्र सम्मिलित हैं) की जनसंख्या लगभग 14 लाख है,[13] जिसमें से लगभग 13 लाख 10 हज़ार नगर निगम के क्षेत्र में है।[14] इस हिसाब से जनसंख्या अनुसार मेरठ शहरी क्षेत्र भारत के शहरी क्षेत्रों में 33वे स्थान पर है और भारत के शहरों में 26वे स्थान पर है। मेरठ में लिंग अनुपात 888 है, राज्य औसत 908 से कम; बाल लिंग अनुपात 847 है, राज्य औसत 899 से कम। 12.41% जनसंख्या 6 साल की उम्र से छोटी है। साक्षरता दर 78.29% है, राज्य औसत 69.72% से अधिक।[13][15]
2012 अनुसार मेरठ में अपराध दर (भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत कुल संज्ञेय अपराध प्रति लाख जनसंख्या) 309.1 है, राज्य औसत 96.4 और राष्ट्रीय औसत 196.7 से अधिक।
2001 की राष्ट्रीय जनगणना अनुसार शहर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में जनसंख्या अनुसार दूसरे स्थान पर है[16] और राष्ट्र में 25वे स्थान पर।[17]
वर्ष | पुरुष | स्त्री | कुल | वृद्धि |
---|---|---|---|---|
1847 | -- | -- | 29,014 | |
1853 | -- | -- | 82,035 | 182.74% |
1872 | -- | -- | 81,386 | -0.79% |
1881 | -- | -- | 99,565 | 22.34% |
1891 | -- | -- | 119,390 | 19.91% |
1901 | 65,822 (55.53%) | 52,717 (44.47%) | 118,539 | -0.71% |
1911 | 66,542 (57.05%) | 50,089 (42.95%) | 116,631 | -1.6% |
1921 | 71,816 (58.57%) | 50,793 (41.43%) | 122,609 | 5.12% |
1931 | 80,073 (58.57%) | 56,636 (41.43%) | 136,709 | 11.49% |
1941 | 98,829 (58.38%) | 70,461 (41.62%) | 169,290 | 23.83% |
1951 | 133,094 (57.08%) | 100,089 (42.92%) | 233,183 | 37.74% |
1961 | 157,572 (55.48%) | 126,425 (44.52%) | 283,997 | 21.79% |
|
वर्ष | पुरुष | स्त्री | कुल | वृद्धि दर | लिंग अनुपात[b] |
---|---|---|---|---|---|
2001[20] | 621,481 (53.50%) | 540,235 (46.50%) | 1,161,716 | -- | -- |
2011[13] | 754,857 (52.98%) | 670,051 (47.02%) | 1,424,908 | 22.66% | 888 |
|
वर्ष | पुरुष | स्त्री | कुल |
---|---|---|---|
2001[21] | 65.22 | 53.17 | 59.62 |
2011[13] | 83.74 (+18.52) | 72.19 (+19.02) | 78.29 (+18.67) |
मेरठ में भारत के मुख्य शहरों में, सर्वाधिक मुस्लिम जनसंख्या है, जो 34.43 के लगभग है।[22] यहां की ईसाई संख्या भी ठीक ठाक है। मेरठ 1987 के सांप्रदायिक दंगों की स्थली भी रहा था।
आवागमन
- वायु मार्ग
पंतनगर विमानक्षेत्र या इंदिरा गाँधी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र मेरठ के निकटतम एयरपोर्ट है। पंतनगर का एयरपोर्ट मेरठ से 62 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- रेल मार्ग
मेरठ में दो प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं,मेरठ छावनी व मेरठ जंक्शन। मेरठ देश के प्रमुख शहरों से अनेक ट्रेनों के माध्यम से जुड़ा हुआ है। दिल्ली, जम्मू, अंबाला, सहारनपुर आदि स्थानों से आसानी से मेरठ पहुंचा जा सकता है।
- सड़क मार्ग
मेरठ उत्तर प्रदेश और आसपास के राज्यों के अनेक शहरों से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। राज्य परिवहन निगम की बसें अनेक शहरों से मेरठ के लिए नियमित रूप से चलती हैं।
उद्योग
मेरठ का सर्राफा एशिया का नंबर एक का व्यवसाय बाजार है।.. सोने के बारे में कहें तो मेरठ शहर कई तरह के उद्योगों के लिये प्रसिद्ध है। मेरठ में निर्माण व्यवसाय में खूब तेजी आयी है, जैसा कि दिखता है- शहर में कई ऊंची इमारतें , शॉपिंग परिसर एवं अपार्टमेन्ट्स हैं।
मेरठ भारत के शहरों में क्रीड़ा सामग्री के सर्वोच्च निर्माताओं में से एक है। साथ ही वाद्य यंत्रों के निर्माण में भी यह उच्च स्थान पर है। मेरठ में यू.पी.एस.आइ.डी.सी के दो औद्योगिक क्षेत्र हैं, एक परतापुर में एवं एक उद्योग पुरम में।[23][24] मेरठ में कुछ प्रसिद्ध फार्मास्यूटिकल कंपनियाँ भी हैं, जैसे पर्क फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड, मैनकाईंड फार्मा एवं बैस्टोकैम।
आयकर विभाग द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, मेरठ ने वर्ष २००७-०८ में ही १०,०८९ करोड़ रुपये, राष्ट्रीय कोष में दिये हैं, जो लखनऊ, जयपुर, भोपाल, कोच्चि एवं भुवनेश्वर से कहीं अधिक हैं।[25]
मीडिया
मेरठ एक महत्वपूर्ण मास मीडिया केन्द्र बनता जा रहा है। देश के विभिन्न क्षेत्रों से पत्रकार एवं अन्य मीडियाकर्मी यहां कार्यरत हैं। हाल ही में, कई समाचार चैनलों ने अपराध पर केन्द्रित कार्यक्रम दिखाने आरंभ किये हैं। चूँकि मीडिया केन्द्र मेरठ में स्थित हैं, तो शहर को राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रचार मिल रहा है। हाल के वर्षों में नगर में कानून व्यवस्था की स्थिति काफी सुधरी है। इसमें मीडिया का बहुत बड़ा हाथ है।
मेरठ वेब मीडिया का भी मुख्य केंद्र बनता जा रहा है मेरठ मे एक्सएन व्यू न्यूज, आँखों देखी लाइव और कई अन्य वेब मीडिया चैनल मौजूद है।
शिक्षा
नगर में कुल चार विश्वविद्यालय हैं, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, शोभित विश्वविद्यालय एवं स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय। इसके अलावा नगर में कई अन्य महाविद्यालय एवं विद्यालय हैं।
नौचंदी मेला
यहां का ऐतिहासिक नौचंदी मेला हिन्दू – मुस्लिम एकता का प्रतीक है। हजरत बाले मियां की दरगाह एवं नवचण्डी देवी (नौचन्दी देवी) का मंदिर एक दूसरे के निकट ही स्थित हैं। मेले के दौरान मंदिर के घण्टों के साथ अज़ान की आवाज़ एक सांप्रदायिक आध्यात्म की प्रतिध्वनि देती है। यह मेला चैत्र मास के नवरात्रि त्यौहार से एक सप्ताह पहले से लग जाता है। होली के लगभग एक सप्ताह बाद और एक माह तक चलता है।
पर्यटन स्थल
'''पांडव किला'''- यह किला मेरठ के (बरनावा) में स्थित है। महाभारत से संबंध रखने वाले इस किले में अनेक प्राचीन मूर्तियां देखी जा सकती हैं। कहा जाता है कि यह किला पांडवों ने बनवाया था। दुर्योधन ने पांडवों को उनकी मां सहित यहां जीवित जलाने का षडयंत्र रचा था, किन्तु वे एक भूमिगत मार्ग से बच निकले थे।
शहीद स्मारक - शहीद स्मारक उन बहादुरों को समर्पित है, जिन्होंने 1857 में देश के लिए "प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम" में अपने प्राणों की आहुति दे दी। संग-ए-मरमर से बना यह स्मारक लगभग 30 मीटर ऊंचा है। 1857 का भारतीय विद्रोह मेरठ छावनी स्थिति काली पलटन मंदिर, जिसे वर्तमान में औघडनाथ मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, से आरंभ हुआ था, जिसे प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, सिपाही विद्रोह और भारतीय विद्रोह के नाम से भी जाना जाता है ब्रितानी शासन के विरुद्ध एक सशस्त्र विद्रोह था। यह विद्रोह दो वर्षों तक भारत के विभिन्न क्षेत्रों में चला। इस विद्रोह का आरंभ छावनी क्षेत्रों में छोटी झड़पों तथा आगजनी से हुआ था परन्तु जनवरी मास तक इसने एक बड़ा रूप ले लिया। विद्रोह का अन्त भारत में ईस्ट इंडिया कम्पनी के शासन की समाप्ति के साथ हुआ और पूरे भारतीय साम्राज्य पर ब्रितानी ताज का प्रत्यक्ष शासन आरंभ हो गया जो अगले ९० वर्षों तक चला।
शाहपीर मकबरा - यह मकबरा मुगलकालीन है। यह मेरठ के ओल्ड शाहपीर गेट के निकट स्थित है। शाहपीर मकबरे के निकट ही लोकप्रिय सूरज कुंड स्थित है।
हस्तिनापुर तीर्थ - हस्तिनापुर तीर्थ जैनियों के लिए एक पवित्र स्थान माना जाता है। यहां का मंदिर जैन तीर्थंकर शांतिनाथ को समर्पित है। ऐतिहासिक दृष्टि से जैनियों के लिए इस स्थान का विशेष महत्व है क्योंकि जैनियों के तीसरे तीर्थंकर आदिनाथ ने यहां 400 दिन का उपवास रखा था। इस मंदिर का संचालन श्री हस्तिनापुर जैन श्वेतांबर तीर्थ समिति द्वारा किया जाता है।
जैन श्वेतांबर मंदिर - मेरठ जिले के हस्तिनापुर में स्थित जैन श्वेतांबर मंदिर तीर्थंकर विमल नाथ को समर्पित है। एक ऊंचे चबूतरे पर उनकी आकर्षक प्रतिमा स्थापित है। मंदिर के चारों किनारे चार कल्याणक के प्रतीक हैं। हस्तिनापुर मेरठ से 30 किलोमीटर उत्तर-पर्व में स्थित है।
रोमन कैथोलिक चर्च - सरधना स्थित रोमन कैथोलिक चर्च अपनी खूबसूरत कारीगरी के लिए चर्चित है। मदर मैरी को समर्पित इस चर्च का डिजाइन इटालिक वास्तुकार एंथनी रघेलिनी ने तैयार किया था। 1822 में इस चर्च को बनवाने की लागत 0.5 मिलियन रूपये थी। भवन निर्माण साम्रगी जुटाने के लिए आसपास खुदाई की गई थी। खुदाई वाला हिस्सा आगे चलकर दो झीलों में तब्दील हो गया।
सेन्ट जॉन चर्च - 1819 में इस चर्च को ईस्ट इंडिया कंपनी की ओर से चेपलिन रेव हेनरी फिशर ने स्थापित किया था। इस चर्च की गणना उत्तर भारत के सबसे प्राचीन चर्चो में की जाती है। इस विशाल चर्च में दस हजार लोगों के बैठने की क्षमता है।
नंगली तीर्थ - पवित्र नंगली तीर्थ मेरठ के नंगली गांव में स्थित है। नंगली तीर्थ स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज की समाधि की वजह से लोकप्रिय है। मुख्य सड़क से तीर्थ तक 84 मोड़ हैं जो चौरासी लाख योनियों के मुक्ति के प्रतीक हैं। देश के विविध हिस्सों से श्रद्धालु यहां आते हैं।
सूरज कुंड - इस पवित्र कुंड का निर्माण एक धनी व्यापारी लावार जवाहर लाल ने 1714 ई. में करवाया था। प्रारंभ में अबु नाला से इस कुंड को जल प्राप्त होता था। वर्तमान में गंग नहर से इसे जल प्राप्त होता है। सूरज कुंड के आसपास अनेक मंदिर बने हुए हैं जिनमें मनसा देवी मंदिर और बाबा मनोहर नाथ मंदिर प्रमुख हैं। ये मंदिर शाहजहां के काल में बने थे।
जामा मस्जिद - कोतवाली के निकट स्थित इस मस्जिद का यह निर्माण 11वीं शताब्दी में करवाया गया था।
द्रोपदी की रसोई - द्रोपदी की रसोई हस्तिनापुर में बरगंगा नदी के तट पर स्थित है। माना जाता है कि महाभारत काल में इस स्थान पर द्रोपदी की रसोई थी।
हस्तिनापुर अभयारण्य - इस अभयारण्य की स्थापना 1986 में की गई थी। 2073 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैले इस अभयारण्य में मृग, सांभर, चीतल, नीलगाय, तेंदुआ, हैना, जंगली बिल्ली आदि पशुओं के अलावा पक्षियों की अनेक प्रजातियां देखी जा सकती हैं। नंवबर से जून का समय यहां आने के सबसे उपयुक्त माना जाता है। अभयारण्य का एक हिस्सा गाजियाबाद, बिजनौर और ज्योतिबा फुले नगर के अन्तर्गत आता है।
अन्य तथ्य
21 दिसंबर, 2005, को मेरठ राष्ट्रीय समाचार की झलकियों में था, जब पुलिस ने सार्वजनिक रूप से हाथ पकड़े जोड़ों को मारा पीटा, जो कि देश के कई भागों में सांस्कृतिक रूप से अस्वीकृत तथा अभद्र है। यह आप्रेशन मजनूं के तहत था। इसके अन्तर्गत युवा जोड़े निशाना थे। हालांकि इसके बाद स्थानीय पुलिस को अप्रसिद्धि मिली।
- मेरठ की माल रोड, मूलतः ब्रिटिश छावनी का भाग थी, जहां रघुवीर सारंग नामक एक आदमी, जो घोड़े और बघ्घियां चलाता था; को एक अंग्रेज़ अफसर के साथ रेस में हराने के बाद अभद्र व्यवहार का आरोप लगाकर कोड़े लगाये गये थे।
- 1940 के दशक में, मेरठ के सिनेमाघरों में ब्रिटिश राष्त्रगान बजने के समय हिलना निषेध था।
10 अप्रैल 2006 में एक अग्नि कांड में 225 (आधिकारिक घोषित) कोग मारे गये, जब विक्टोरिया पार्क में लगे एक इलेक्ट्रॉनिक मेले के मण्डप में अग लग गयी। अन्य सूत्रों के अनुसार तब यहां 1000 लोग मारे गये थे। इसके कुछ समय बाद ही, यहाँ के एक मल्टीप्लैक्स सिनेमाघर पी वी एस मॉल में भी आग लगी थी।
- मेरठ के प्रसिद्ध क्रीड़ा सामान (खासकर क्रिकेट का बल्ला) विश्व भर में प्रयोग होता है।
- मेरठ को भारत की क्रीड़ा राजधानी कहा जाता है।
सन्दर्भ
↑ http://www.census2011.co.in/city.php
↑ पर्यटन स्थल - विदुर-का-टीला मेरठ आधिकारिक वेबसाइट
↑ अआइ मेरठ जिला - इतिहास द इम्पेरियल गैज़ेटियर ऑफ इण्डिया, 1909, v. 17, p. 254-255.
↑ Homepage मेरठ आधिकारिक वेबसाइट.
↑ अआ मेरठ के निकट समतल इलाकों में स्थित हिन्दू मंदिर ब्रिटिश पुस्तकालय
↑ अशोक स्तंभ
↑ अशोक स्तंभ जीर्णोद्धार
↑ अशोक स्तंभ की स्थिति विकिमैपिया.
↑ अआ द इम्पीरियल गज़ैटियर 1909, पृ॰ 264
↑ दिल्ली की फतह की तैयारी … माल्फुज़त-ए-तैमूरी, या तुज़ुक- ए-तैमूरी (तैमूर की आत्मकथा), द्वारा: तैमूर लंग, "en:The History of India, as Told by Its Own Historians. The Muhammadan Period", by Sir H. M. Elliot, Edited by John Dowson; London, Trubner Company; 1867–1877.
↑ The Sepoy War of १८५७: Mutiny or First Indian War of Independence?.
↑ फॉलिंग रेन जीनोमिक्स, इन्क - मेरठ है|
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↑ मेरठ कर देय शहरों की गिनती में नौंवें स्थान
-उत्तर प्रदेश के नगर