अपान वात अपान वायु: सन्दर्भ ग्रन्थ: इन्हें भी देखें दिक्चालन सूचीबढ़ाने मेंसं
आयुर्वेद
चरक संहितासुश्रुत संहितावाग्भट्टचिकित्सा चन्द्रोदय
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अपान वायु का स्थान अग्नाश्य के नीचे गुदा द्वार तक है इससे निष्काशन प्रणाली कार्य करती है।
अपान वायु:
यह वायु पक्वाशय में रहती है तथा इसका कार्य मल, मूत्र, शुक्र, गर्भ और आर्तव को बाहर निकालना है। जब यह कुपित होती है तब मूत्राशय और गुदा से संबंधित रोग होते हैं।
सन्दर्भ ग्रन्थ:
चरक संहिता
सुश्रुत संहिता
वाग्भट्ट
चिकित्सा चन्द्रोदय
इन्हें भी देखें
-आयुर्वेद