खस (प्राचीन जाति) बाहरी कड़ियाँ दिक्चालन सूची
हिन्दू धर्मभारत की जनजातियाँप्राचीन भारत का इतिहास
शकोंमनुक्षत्रियसंस्कार-लोपब्राह्मणोंशूद्रमहाभारतमत्स्यपुराणहिमालयराजतरंगिणीनैपालहिमालयएशियातिब्बत
खस एक प्राचीन जाति, जो कदाचित शकों की कोई उपजाति थी। मनु ने इन्हें क्षत्रिय बताया है किंतु कहा है कि संस्कार-लोप होने और ब्राह्मणों से संपर्क छूट जाने के कारण वे शूद्र हो गए। महाभारत के सभापर्व एवं मार्कंडेय तथा मत्स्यपुराण में इनके अनेक उल्लेख प्राप्त होते है। समझा जाता है कि महाभारत में उल्लिखित खस का विस्तार हिमालय में पूर्व से पश्चिम तक था। राजतरंगिणी के अनुसार ये लोग कश्मीर के नैऋत्य कोण के पहाड़ी प्रदेश अर्थात् नैपाल में रहते थे। अत: वहाँ के निवासियों को लोग खस मूल का कहते हैं।
सिल्वाँ लेवी की धारणा है कि खस हिमालय में बसनेवाली एक अर्धसंस्कृत जाति थी जिसने आगे चलकर बुद्ध धर्म ग्रहण कर लिया। फिर 12 सताब्दी में हिन्दु धर्म को ग्रहन कर लिआ। यह भी धारणा है खस लोग काश्गर अथवा मध्य एशिया के निवासी थे और तिब्बत के रास्ते वे नैपाल और भारत आए।
बाहरी कड़ियाँ
-प्राचीन भारत का इतिहास, भारत की जनजातियाँ, हिन्दू धर्म